Tuesday, November 5, 2019

तो दिल्ली में हो तुम

गालियां और शोर-गुल सुनके भी मुस्कुराये,
Mask पहनी हुई लडकियां सिर्फ आँखों से केहर ढाये,
लड्डू उठाओ और घी से उंगलियां moisturize हो जाए,
Supplement में दुसरे शहरों के main newspaper से ज़्यादा पन्ने पाए,
तो दिल्ली में हो तुम।

हर मोड़ में एक ऐतिहासिक इमारत तुमसे टकराये,
अकबर, औरंगज़ेब Roads के नाम बदले, प्रगति मैदान प्रगति मैदान ही कहलाये,
Malls में घुमते हुए सरोजिनी, लाजपत नगर और करोल बाग़ की याद सताये,
Waiter खाने के साथ complimentary लाल-सिरके वाला प्याज़ लाये,
तो दिल्ली में हो तुम।

सब दुर्गा पूजा, गुरपुरब और छत्त same जोश में मनाये,
अपनी गाडी छोड़ metro से सफर करने को दिल ललचाये,
बाजू में बैठा अजनबी घंटो तक केजरीवाल के किस्से सुनाये,
नवंबर ढलते ही Old Monk प्रकट हो जाए,
तो दिल्ली में हो तुम।